ग़र देना ही है कुछ... मुझे तो वही पुराना सा इश्क़ देना, बस वही हमारा सा इश्क़ देना। ग़र देना ही है कुछ... मुझे तो वही पुराना सा इश्क़ देना, बस वही हमारा सा इश्क़...
ये यारोंं स्कूल के दिनों में भी क्या दिन बिताएं हैं। ये यारोंं स्कूल के दिनों में भी क्या दिन बिताएं हैं।
एहसास से लिपटे थे ख्वाहिशों की दुनिया ये उन दिनों का प्यार था। एहसास से लिपटे थे ख्वाहिशों की दुनिया ये उन दिनों का प्यार था।
ये कविता कवि को अपने उन पुराने यादों में ले जाती जिसमें वो अपने आस पास पुरानी चीजों में अपने अतीत के... ये कविता कवि को अपने उन पुराने यादों में ले जाती जिसमें वो अपने आस पास पुरानी ची...
कितने अजीब थे हम, शरारती तो थे हम फिर भी लेकिन शरीफ थे। कितने अजीब थे हम, शरारती तो थे हम फिर भी लेकिन शरीफ थे।
बेवजह की चिंता छोड़कर, बुढ़ापे का मज़ा लीजिये। बेवजह की चिंता छोड़कर, बुढ़ापे का मज़ा लीजिये।